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नई दिल्ली, 26 जुलाई (आईएएनएस)। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भारतीय रेलवे और केंद्र सरकार की खरीद प्रक्रिया में मेक इन इंडिया उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदमों की समीक्षा के लिए विभिन्न सरकारी एजेंसियों के साथ एक बैठक की। रेल मंत्रालय की ओर से रविवार को एक बयान में यह जानकारी दी गई।
गोयल ने दूरदराज के स्थानों और विशेष रूप से एमएसएमई के लिए बाजार खोलने के लिए जीईएम प्लेटफॉर्म पर लगभग 70,000 करोड़ रुपये की वस्तुओं और सेवाओं की खरीद की आवश्यकता पर जोर दिया।
गोयल ने बैठक के दौरान अधिकारियों से भारतीय रेलवे के भ्रष्टाचार मुक्त और पारदर्शी खरीद माहौल के लिए उद्योग में विश्वास पैदा करने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया।
मंत्रालय के एक बयान में कहा गया, खरीद प्रक्रिया में स्थानीय विक्रेताओं की भागीदारी बढ़ाने पर जोर दिया गया। यह भी तय किया गया कि खरीद में स्थानीय कन्टेंट क्लॉज ऐसा होना चाहिए, जिससे स्थानीय विक्रेता / आपूर्तिकर्ता अधिक बोली लगा सकें।
मिशन आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने के लिए, डीपीआईआईटी के सक्रिय समर्थन से इस दिशा में भारतीय रेलवे के प्रयासों को सुविधाजनक बनाने के लिए जरूरत पड़ने पर उपयुक्त नीतिगत संशोधन करने की बात की गई।
समीक्षा बैठक में उन विक्रेताओं को प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया गया जो स्थानीय स्तर पर निर्मित उत्पादों की आपूर्ति कर सकते हैं। यह सुझाव दिया गया था कि एफएक्यू सेक्शन बनाने और एक हेल्पलाइन नंबर लाने की आवश्यकता है ताकि विक्रेताओं को खरीद प्रक्रिया से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर स्पष्ट जानकारी मिल सके।
समीक्षा बैठक में रेल राज्य मंत्री सुरेश सी. अंगदी, रेलवे बोर्ड के सदस्य, सीईओ, जीईएम और डीपीआईआईटी, वाणिज्य मंत्रालय के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। मेक इन इंडिया को बढ़वा देने के लिए सदस्य (मैटेरियल मैनेजमेंट), रेलवे बोर्ड द्वारा एक विस्तृत प्रस्तुति दी गई।
भारत सरकार की सबसे बड़ी खरीद एजेंसियों में से एक भारतीय रेलवे अपनी पूर्ण क्षमता का उपयोग करने के लिए अपनी खरीद प्रणालियों को जीईएम के साथ समन्वित कर रही है।
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